Main koi kavi ya shaayar nahin hoon, Bus jo bhi apne aas paas dekhta hoon ya apne saath ghat raha hai, usko shabdon me dhaalne ki koshish karta hoon.
Thursday, July 30, 2015
Wednesday, July 22, 2015
HUM TO BUS CHUP HI RAHENGE
HUM TO BUS CHUP HI RAHENGE
जब तलक खुद पे ना बीते हम तो बस चुप ही रहेंगे
कोई हारे कोई जीते हम तो बस चुप ही रहेंगे
आना जाना जीना मरना रोज़ की हैं आम बातें
उम्र गुज़री जेब सींते हम तो बस चुप ही रहेंगे
पांच बरसों तक उन्हें ये राज हमने ही दिया है
काटने दो उनको फीते हम तो बस चुप ही रहेंगे
हमको रोटी की फिकर उनको भी है कुर्सी की चिंता
अपने अपने हैं सुभीते हम तो बस चुप ही रहेंगे ( सुभीते - Comforts , Conveniences )
हो गया है खून पानी घर से बाहर कौन निकले
आप बन जायें पलीते हम तो बस चुप ही रहेंगे ( पलीते - Exploders )
Sunil_Telang/22/07/2015
Sunday, July 12, 2015
KAWAAYAD
कवायद
किसी की जान पर बन आई हम बस इक खबर समझे
उसी ने राह भटकाई जिसे हम राहबर समझे
खड़ा होने भी दो अपने ही दम पे नौनिहालों को
बिना मेहनत नहीं होती है दुनिया में बसर समझे
उड़ा कोई नहीं पंछी बिना पंखों को फैलाये
समझ आ जायेगी ये बात भी सबको अगर समझे
नतीजा अपने कर्मों का तुझे खुद ही भुगतना है
हमेशा जीत सच्चाई की ही होगी मगर समझे
करो उनका नमन सर पे कफ़न लेकर चले हैं जो
कवायद न्याय पाने की न अब हो बेअसर समझे
Sunil _Telang / 12/07/2015
Thursday, July 9, 2015
MAALOOM
MAALOOM
किसी रंजिश का जैसे सिलसिला मालूम होता है
कि तू मुझ सा है फिर भी दूसरा मालूम होता है
कहाँ से लाये हो अंदाज़ इतने मुस्कुराने के
तुम्हारा दिल मुझे टूटा हुआ मालूम होता है
मैं इस आलम-ए-तन्हाई में भी तन्हा नहीं ऐ दोस्त
मुझे हर एक आंसू आशना मालूम होता है
ज़रा तबियत से देखो तो खुदा बन्दे के अंदर है
खुदा का नाम लेने भर से क्या मालूम होता है
न जाने किसकी उल्फत में हुये हालात इस दर्जा
कि सब-मालूम ना-मालूम सा मालूम होता है
( N M ) /09/07/2015
Saturday, July 4, 2015
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