Sunday, May 31, 2015

CHUP BHI KAR



CHUP BHI KAR

लोग कहते हैं मुझ से चुप भी कर 
शुक्र  कर  ले  बचा   है  तेरा   घर 

उनकी किस्मत खराब थी शायद 
जिनपे ढाया खुदा  ने आज कहर 

तेरी    फ़रियाद   कौन  समझेगा 
कुछ वज़न रख के देख कागज़ पर 

ग़म हैं लाखों, खुशी नहीं मिलती 
ज़िन्दगी  मौत   से   हुई  बदतर 

बात उस से ज़मीं की मत करना 
उसकी  नज़रें  हैं  चाँद  तारों  पर 

अब तो रब भी  करम नहीं करता 
आह में  अब  नहीं  रहा वो असर 

Sunil_Telang/31/05/2015




Friday, May 29, 2015

SAAHIR




SAAHIR

लोग  कुछ  ऊपर उठे  लेकिन नज़र से गिर गये 
भूल कर  वादे  सभी  वो   भी  जुबां  से फिर गये 

जिनको फुर्सत ही नहीं,  देखें बुरा अच्छा है क्या 
दिन ब दिन वो सर उठाती मुश्किलों में घिर गये 

भाईचारा  और मोहब्बत लोग वो  सिखला  गये 
जो  न  मस्ज़िद  देख  पाये  ना कभी मंदिर गये 

नाम  उनका  भी  किताबों  से  जुबां  पर  लाइये 
अपनी आज़ादी की खातिर जो कटा के सिर गये 

चाहिये लोगों  को क्या, इतना समझ पाये  नहीं 
रास्ते   से  जाने   कितने  चारागर, साहिर  गये 
चारागर- Doctor , साहिर- Magician, Enchanter)

Sunil_Telang/29/05/2015










Saturday, May 16, 2015

ASAR



ASAR 

आँखों  पर  परदे पड़े हैं कुछ नज़र आता नहीं 
है  अभी  भी बुतपरस्ती  का असर,जाता नहीं 

लोग चलते जा  रहे  हैं  मंज़िलों  की  आस मैं 
गाँव   भी छूटा, मगर  कोई  शहर आता  नहीं

हर  गली  चौराहों  को  करते  रहे रोशन मगर 
राह ये  कैसी  चुनी  है अपना  घर  आता नहीं 

ताज  पाकर  आसमां  में  रोज़ जो  उड़ता रहा 
एक दिन गिरना है तय ये कोई समझाता नहीं 

कब तलक जीये हकीकत से कोई मुंह मोड़कर 
हमको ग़म  में मुस्कुराने का  हुनर आता नहीं 

Sunil_Telang/16/05/2015