Wednesday, December 31, 2014

pK


pK

हर   सुबह   हर   शाम  PK 
मय का बस इक जाम पीके 
हर   कोई    दोहरा  रहा   है 
लब   पे   तेरा    नाम   PK 

ग़ुम     हुये     मुद्दे    ज़रूरी 
बढ़   रही  आपस  की   दूरी 
देख  कर  कड़वी   हक़ीक़त 
आज  बदले  सुर  सभी   के  

चैन  कुछ  बांटा  किसी  को 
चुभ  गया  कांटा किसी  को
धर्म     के    सौदागरों     के 
पड़    गये    हैं   रंग    फीके 

ये  मनोरंजन   का   जरिया 
सब  का  है अपना नजरिया 
आ  गया   नव  वर्ष ,   कुछ 
दीपक  जलाओ  रोशनी  के 

Sunil_Telang/31/12/2014

  

Saturday, December 27, 2014

BUNIYAAD


बुनियाद 

बात मत करिये यहां,  सच्चाई  और ईमान  की 
झूठ की  बुनियाद पर,  हस्ती  टिकी  इंसान की 

हो रहा है जो यहां,  होने भी दो, किसको  फ़िकर 
जाहिलों के हाथ में किस्मत है हिन्दोस्तान की 

क्यों  जगाता   है  यहां  मुर्दा-दिलों  को  नींद से 
क्या नहीं तुझको रही,  परवाह  अपनी जान की 

छोड़िये घर की फिकर, पहले अतिथि  देवो भवः 
आइये हंस कर करें, खिदमत ज़रा  मेहमान की 

काम का क्या,राज हमको पांच बरसों तक मिला 
वक़्त  है  सुनिये  अभी, कुछ और बातें ज्ञान की 

Sunil_Telang / 27/12/2014




Friday, December 26, 2014

BHEED


भीड़
ग़म तो सब के  ही पास रहते  हैं 
लोग  फिर  क्यों  उदास रहते  हैं
यूँ तो दुनिया है  भीड़  लोगों की
दिल में कुछ लोग ख़ास  रहते हैं 

Sunil_Telang /26/12/2014

Sunday, December 7, 2014

YAKEEN



YAKEEN 

होते   नहीं   उदास  अगर   कुछ  बुरा  हुआ 
है  कौन  वो  इंसान  जो  ना ग़मज़दा  हुआ 

किस्मत में  जो  लिखा है वही  हो के रहेगा 
खुद  से तू  बेवज़ह  खफा क्यों  बारहा हुआ  

किसको  सुना   रहा   है  तू   दास्ताने-ग़म  
मुश्किल में कब किसी का कोई दूसरा हुआ  

खुशियाँ  तुझे   मिलेंगीं  तू  रोक  ना कदम 
रस्ते  में  रुक  गया जो  वो ग़ुम शुदा  हुआ

बदलेगा तेरा  वक़्त भी खुद पर यकीन रख 
पत्थर भी एक रोज़  किसी  का  खुदा  हुआ

(ग़मज़दा-Grieved , बारहा - Often )

Sunil _Telang/07/12/2014