Dil-e- Naadan
Is kadar rooth gaya hai ki wo
khwabon mein bhi na aaya
Din mein bezaar kiya usne
to raaton ko bhi sataya
Roz karta hai pareshaan
ye hawa ka jhonka
Uske aane ki sada dekar
roz darwaja hilaya
Roz samjhata hoon khud ko
ab use bhoolna hai achchha
Aur bechain hua dil
jab kabhi usko bhulaya
Kitna nadaan hai dil
dhoondh raha hai tu khushi
Dil laga kar bhi kisi ne
kya kabhi chain hai paaya
इस कदर रूठ गया है
कि वो ख़्वाबों में भी न आया
दिन में बेज़ार किया उसने
तो रातों को भी सताया
रोज़ करता है परेशां
ये हवा का झोंका
उसके आने की सदा देकर
रोज़ दरवाजा हिलाया
रोज़ समझाता हूँ खुद को
अब उसे भूलना है अच्छा
और बेचैन हुआ दिल
जब कभी उसको भुलाया
कितना नादान है दिल
ढूंढ रहा है तू खुशी
दिल लगा कर भी किसी ने
क्या कभी चैन है पाया
इस कदर रूठ गया है
कि वो ख़्वाबों में भी न आया
दिन में बेज़ार किया उसने
तो रातों को भी सताया
रोज़ करता है परेशां
ये हवा का झोंका
उसके आने की सदा देकर
रोज़ दरवाजा हिलाया
रोज़ समझाता हूँ खुद को
अब उसे भूलना है अच्छा
और बेचैन हुआ दिल
जब कभी उसको भुलाया
कितना नादान है दिल
ढूंढ रहा है तू खुशी
दिल लगा कर भी किसी ने
क्या कभी चैन है पाया
skt/29/05/2012
nice
ReplyDelete