नग़मा
हो अगर दिल में जगह तो हर कोई मेहमां बने
तेरे सुर से मेरा सुर मिल जाये तो नग़मा बने
मुश्किलें इस देश की आसान हो जायें अगर
आदमी हिन्दू मुसलमां छोड़ कर इन्सां बने
तोड़ दें दीवार जाति और मज़हब की सभी
सिर्फ अब इंसानियत ही दीन और ईमां बने
भूल कर ये बैर, रंजिश आओ मिल जायें गले
हो अमन और चैन तो खुशहाल हिन्दुस्तां बने
Sunil_Telang/29/07/2014

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