Saturday, January 18, 2020

WAAH WAAH



WAAH WAAH

लोग हँस कर गुनाह करते रहे 
और  हम  वाह वाह  करते रहे 

बन   के    बैठे   रहे   तमाशाई 
बस्तियां  वो   तबाह  करते रहे 

रोज़ अच्छे दिनों की आस लिये 
गुरबतों  में   निबाह  करते  रहे 

बंद आँखें किये औ लब सींकर 
उनकी आसान राह  करते रहे 

रहनुमा   हुक्मरान    बन    बैठे 
हम पे तिरछी निगाह करते रहे 

Sunil _Telang /18/01/2020 


Friday, January 10, 2020

KHWAAB


KHWAAB


रोज़ इक मुद्दे को लेकर हम बहस करते रहे 
वो हमे उलझा  के अपनी  जेब को भरते रहे 

अपनी अपनी सोच है, क्या है ग़लत और क्या सही 
अपनी ज़िद में पीछे पीछे बस  कदम धरते  रहे 

उसके घर को फूंकने से रौशनी होगी नहीं 
भूल कर  हम आपसी  रंजिश  में ही मरते रहे 

हो न जायें बेवतन, मिट जाए ना अपना वज़ूद 
बेवजह के खौफ से हम रात दिन डरते रहे 

राह भटकाते रहे, हम जिनको समझे राहबर 
ख्वाब भी पत्तों की तरह  टूटते झरते रहे 

Sunil_Telang/10/01/2020