Monday, February 5, 2018

ZINDAGI



ZINDAGI

चंद  लम्हों  की  ख़ुशी   है ज़िन्दगी
वर्ना  बस  इक  बेबसी  है ज़िन्दगी

दर्द   सीने   में   छुपाना   सीख  ले 
तेरे  चेहरे   की   हँसी   है  ज़िन्दगी 

जिनके जीने का कोई मक़सद नहीं 
उनकी हरदम  आलसी है ज़िन्दगी

छोड़ दे  शिकवा गिला तकदीर  से  
मुस्कराहट  में   बसी   है   ज़िन्दगी

Sunil _Telang /04/02/2018










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