ZINDAGI
ZINDAGI
चंद लम्हों की ख़ुशी है ज़िन्दगी
वर्ना बस इक बेबसी है ज़िन्दगी
दर्द सीने में छुपाना सीख ले
तेरे चेहरे की हँसी है ज़िन्दगी
जिनके जीने का कोई मक़सद नहीं
उनकी हरदम आलसी है ज़िन्दगी
छोड़ दे शिकवा गिला तकदीर से
मुस्कराहट में बसी है ज़िन्दगी
Sunil _Telang /04/02/2018
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