GHURUR
GHURUR
दिन ख़ुशी से गुज़ार लेता हूँ
ज़िन्दगी यूँ संवार लेता हूँ
शायद उसके लबों पे आये हँसी
ग़म किसी के उधार लेता हूँ
जो मुसीबत में काम आ जाये
उसे दिल में उतार लेता हूँ
ठेस लग जाए ना किसी दिल को
रोज़ रब को पुकार लेता हूँ
जब भी खुद पर ग़ुरूर आता है
आईने को निहार लेता हूँ
Sunil_Telang/25/06/2017
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