Wednesday, November 8, 2017

UMMEED



UMMEED

उम्मीद  नहीं   तुझसे   मुलाक़ात  कभी   हो 
तेरे  बिना भी  दिन  की  शुरुआत कभी  हो 
तू   खुश   रहे, जहाँ  हो , मैं   ग़मज़दा  सही 
अब मिलने बिछड़ने की, ना  बात कभी हो 

Sunil_Telang/08/11/2017











Saturday, October 21, 2017

KHANAK


KHANAK 

लुटा  है आशियाँ, फिर भी नहीं लेता सबक कोई 
सुकूं  देती   हवाओं  पर  नहीं  है  तेरा  हक़  कोई 

घड़ी भर को तेरा होकर  तेरा दुःख-दर्द जो समझे 
नहीं  पैदा  हुआ   ऐसा  मसीहा  आज  तक  कोई 

बहुत कोशिश  हुई  हो  बात रोटी और ग़रीबी की 
हटा   लेता  है  ये  मुद्दा  भी  आके यकबयक कोई 

फकत   बातें   हुईं,  वादे  हुये  तुझको  लुभाने  के 
बदल पाया  नहीं चेहरा   शहर  से गाँव तक  कोई

संभल जा  ऐ  मुसाफिर जान  ले मंज़िल कहाँ  तेरी 
तुझे भटका न दे फिर चंद सिक्कों की खनक कोई

Sunil_Telang/21/10/2017







Sunday, October 8, 2017

INSAANIYAT



INSAANIYAT 

करें कुछ बात रोटी की अगर थोड़ी  सी फुर्सत  हो 
मिले दो पल सुकूं सबको बस इतनी सी इनायत हो 

उलझ कर रह गए हैं लोग मंदिर  और मस्जिद में 

हटायें  आँख  से  पर्दा  तो  दीदार-ए-हक़ीक़त  हो 

बने  हैं  सब  तमाशाई   हज़ारों  ज़ुल्म  सह सह  के 
जुबां से हम भी कुछ बोलें अगर थोड़ी  इज़ाज़त हो 

बड़ा मैं हूँ न तू छोटा,ना मैं  काबिल ना  तू जाहिल 
रखें  इंसानियत  दिल  में  तो  दुनिया खूबसूरत हो

Sunil _Telang/08/10/2017

Wednesday, September 27, 2017

EHSAAS



EHSAAS

दूर  रहते  हैं मगर  फिर भी  वो दिल  के पास हैं 
उनके होंठों की हंसी दुःख में सुखद एहसास हैं
हर तरफ बिखरे हैं जलवे, हर  तरफ हैं मस्तियाँ 
खूबसूरत  है  ज़माना  वो  मगर  कुछ  ख़ास  हैं 

Sunil _Telang

Saturday, August 19, 2017

PAHCHAAN



PAHCHAAN

कुछ तो अपनी भी  इक पहचान रखिये 
जो  भी पाया  उसका  एहसान   रखिये 

तेरे   आंसुओं   को  दुनिया ना समझेगी 

दुःख  में  भी   चेहरे  पे  मुस्कान  रखिये 

आना जाना  सबका  है रब  के हाथों  में 

चिन्ता में  दिल  को ना  हलकान रखिये 

धन दौलत पा कर के खुद पे इतराना क्या 

दुनिया   है    फानी     इत्मीनान  रखिये 

जाने  कब  तेरी  ये किस्मत रंग बदलेगी 
दिल में  कुछ सपने कुछ अरमान रखिये 

Sunil_Telang/19/08/2017




Sunday, June 25, 2017

GHURUR



GHURUR

दिन  ख़ुशी  से गुज़ार लेता हूँ 
ज़िन्दगी  यूँ   संवार  लेता  हूँ 

शायद उसके लबों पे आये हँसी 
ग़म किसी के उधार लेता हूँ 

जो मुसीबत में काम आ जाये 
उसे  दिल   में  उतार लेता  हूँ 

ठेस लग जाए ना किसी दिल को 
रोज़ रब को पुकार लेता हूँ 

जब  भी खुद  पर ग़ुरूर आता है                         
आईने  को   निहार  लेता   हूँ 

Sunil_Telang/25/06/2017






Sunday, June 18, 2017

DHAMAAL



DHAMAAL

रोज़   जीना   मुहाल  करते  हैं 
लोग फिर भी कमाल करते हैं 

मूल  मुद्दों  पे  मुंह नहीं खुलता 

दूसरों   से   सवाल   करते  हैं 

सीख देते हैं वो अमन की हमें   
जो ज़मीं खूं से  लाल  करते हैं

रोज़ी रोटी की बात कल करना 
आज तो  बस धमाल  करते हैं 

अपनी मस्ती में रोज़ मस्त रहो 
आप फिर क्यों बवाल करते हैं 

Sunil _Telang /18/06/2017







Wednesday, March 8, 2017

MAHILA DIVAS



महिला दिवस

आज है महिला दिवस, आओ सभी आभार मानें 
इनको भी सहभागिता, सम्मान का हकदार मानें
मर्द होकर छल से, बल से,क्या किसी का मान हरना
जीत लें नारी हृदय को,फिर कोई अधिकार मानें  

Sunil_Telang