रेल किराया
रेल किराया बढ़ गया अचरज की क्या बात
अच्छे दिन की हो गयी एक नयी शुरुआत
कहो ना इसको जनता के संग ये धोका है
भीड़ भाड़ को काबू करने का मौक़ा है
बहुत ज़रूरी जाना हो बस तभी निकलना
वर्ना सबसे अच्छा साधन पैदल चलना
एक तीर से कर लिये दो दो बार शिकार
लोगों की सेहत बने ध्यान धरे सरकार
बढे हुये भाड़े से पूरा भरे खजाना
रेलगाड़ियों में भी कम हो आना जाना
बात बात में नुक्स ना यूँ हर बार निकालो
अब तो बोझ सहन करने की आदत डालो
Sunil _Telang /20/06/2014

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