कैसा ये गणतंत्र
फिर आई छब्बीस जनवरी चलो नया गणतंत्र मनायें
देश भक्ति के गीत सुनें और देशभक्त हम भी कहलायें
बारह मास मिलेंगे हमको , रहें आज तो नेता बन के
हुये परेशां रोज़ विदेशी शर्ट, ब्रांडेड जीन्स पहन के
आजतो बस खादी का कुरता,धोती ,टोपी पहन के आयें
दशा देश की चाहे जो हो ,झांकी में ना कोई कमी हो
भीड़ तंत्र की रहे व्यवस्था , सर्दी, बारिश या गरमी हो
मुख्य अतिथि हैं बड़े देश के,कुछ उनके मन को बहलायें
कैसा ये गणतंत्र हमारा ,सुनता कोई नहीं प्रजा की
अपने दिल की व्यथा बताये, कहाँ हैसियत है राजा की
फिर भी देश महान हमारा सब मिलकर जन गण मन गायें
Sunil_Telang/26/01/2013
कैसा ये गणतंत्र हमारा ,सुनता कोई नहीं प्रजा की
अपने दिल की व्यथा बताये, कहाँ हैसियत है राजा की
फिर भी देश महान हमारा सब मिलकर जन गण मन गायें
Sunil_Telang/26/01/2013

No comments:
Post a Comment