JAN KI BAAT
जब सही और ग़लत की पहचान ना हो
दूसरों का दर्द वो समझेगा क्या
आदमी हो कर भी जो इन्सान ना हो
वो चलो झूठा , फरेबी ही सही
तू हकीकत जान ले, अनजान ना हो
हर किसी के दिल पे डालेगी असर
बात जन की बात हो, फरमान ना हो
दूर कर खारों को, अब तू गुल खिला
ये चमन महका रहे, वीरान ना हो
Sunil_Telang/ 28/05/2023