INSAANIYAT
करें कुछ बात रोटी की अगर थोड़ी सी फुर्सत हो
मिले दो पल सुकूं सबको बस इतनी सी इनायत हो
उलझ कर रह गए हैं लोग मंदिर और मस्जिद में
हटायें आँख से पर्दा तो दीदार-ए-हक़ीक़त हो
बने हैं सब तमाशाई हज़ारों ज़ुल्म सह सह के
जुबां से हम भी कुछ बोलें अगर थोड़ी इज़ाज़त हो
बड़ा मैं हूँ न तू छोटा,ना मैं काबिल ना तू जाहिल
रखें इंसानियत दिल में तो दुनिया खूबसूरत हो
Sunil _Telang/08/10/2017

No comments:
Post a Comment