CHUP BHI KAR
लोग कहते हैं मुझ से चुप भी कर
शुक्र कर ले बचा है तेरा घर
उनकी किस्मत खराब थी शायद
जिनपे ढाया खुदा ने आज कहर
तेरी फ़रियाद कौन समझेगा
कुछ वज़न रख के देख कागज़ पर
ग़म हैं लाखों, खुशी नहीं मिलती
ज़िन्दगी मौत से हुई बदतर
बात उस से ज़मीं की मत करना
उसकी नज़रें हैं चाँद तारों पर
अब तो रब भी करम नहीं करता
आह में अब नहीं रहा वो असर
Sunil_Telang/31/05/2015

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