आओगे तुम
यूँ तुझसे बिछड़ने का एहसास कम नहीं है
मैं खुश हूँ , अगर मेरे , ग़म से तुझे ख़ुशी है
कल तक तुम्हारे लब पर रहता था नाम मेरा
इक वक़्त है हमारा चेहरा भी अजनबी है
दो दिन की दूरियों से उल्फत ये कम ना होगी
मिलने की तुमसे ख्वाहिश कुछ और बढ़ गई है
कुछ और तो नज़र अब आता नहीं है मुझको
आँखों में बस तुम्हारी तस्वीर ही बसी है
आओगे लौटकर तुम इतना मुझे यकीं है
उम्मीद के सहारे चलती ये ज़िन्दगी है
Sunil_Telang/29/08/2012

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