MAAN SAMMAN
मान क्या सम्मान क्या
है तेरी पहचान क्या
खो गया तेरा वज़ूद
देखता हैरान क्या
झूठ को सच मान ले
चीज़ है ईमान क्या
खोल मत अपनी ज़ुबां
है न प्यारी जान क्या
तन ढका अब तक तेरा
कम है ये एहसान क्या
जो कहा वो मान ले
भूल जा संविधान क्या
Sunil _Telang/11/11/2018